कुछ साल पहले तक लोग बैंक में होने वाली FD (Fixed Deposit) को ही investment समझते थे, और FD करके वो अपने आप को आर्थिक जिम्मेदारी से मुक्त समझते थे | उस दौर में साल का 8-8.5% ब्याज ही लोगो के चेहरे में मुस्कान लाने के लिए पर्याप्त था | लेकिन वक़्त के साथ ही बैंक से मिलना वाला ये ब्याज भी धीरे-धीरे कम होता चला गया और अब 2020 -21 में सिर्फ 4.5 -5% बस रह गया है | जबकि वर्तमान में 7% महगांई दर के सामने बहुत कम है | ऐसे में लोगो का रुझान शेयर बाज़ार की तरफ बढ़ने लगा |
शेयर बाज़ार से कोई व्यक्ति कितनी कमाई कर सकता है उसकी कोई भी सीमा नहीं है, यहाँ आपकी जानकारी और अनुभव का ही आपको फल मिलता है | LOCKDOWN के बाद से बहुत से नए निवेशको ने पहली बार इस बाज़ार का रुख किया है, जो इस बाजार की पेचेदियो को सीखने की पुरजोर कोशिश कर रहे है | आइये हम भी मिल कर कुछ सीखे |
Fundamental and Technical Analysis
जब कभी भी आपने खुद से मार्किट को सीखने का प्रयास किया होगा तब आपका 2 तरह के लोगो से सामना जरुर हुआ होगा , एक वो लोग जो फंडामेंटल तरीको से पैसे बनाने में विश्वास रखते है तो दूसरे वो लोग जो कंपनी के फंडामेंटल को ना देखते हुए सिर्फ टेक्निकल डाटा और चार्ट्स पर भरोसा रखते हैं | अब आपके मन में एक सवाल आना बहुत ही स्वाभाविक है कि दोनों तरीको में फ़र्क क्या है और दोनों में क्या मतभेद है ? चलिए एक एक करके दोनों तरीको के बारे में जानते है | फिर आपकी ही तय करियेगा कि आपको कौन सा एनालिसिस करना है |
फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) -
एनालिसिस किसी कंपनी को चुनने का तरीका है | फंडामेंटल एनालिसिस में हम सिर्फ डाटा पर विश्वास करते है | वो कंपनी के जुड़े हर सवाल को जानकर ही उसको चुनते है | कंपनी क्या करती है , क्यों करती है , कंपनी की वित्तीय हालत कैसी है , आगे क्या चुनौतियां कंपनी को आ सकती है, कंपनी ज्यादा लोन के बोझ में तो नहीं है , प्रोमोटर के इंटेंशन कैसे है कंपनी की ग्रोथ को लेकर सारे सवाल |
फंडामेंटल इन्वेस्टर किसी भी कंपनी को अपनी ही कंपनी समझ कर ही पैसा लगाते है और वो उस कंपनी के शेयर को तब तक नहीं बेचते है जब तक उस कंपनी के फ़ण्डामेंटल चेंज ना हो जाए |
फंडामेंटल निवेशक किसी भी कंपनी में लम्बे समय के लिए ही पैसे लगाते है और कंपनी की ग्रोथ के साथ ही अपने धन को भी बढ़ाते रहते है |
फंडामेंटल एनालिसिस कैसे काम करता है ?
इनका मानना होता है कि कंपनी के फंडामेंटल सही होंगे तो कंपनी आगे के सालो में भी ग्रोथ करती ही रहेगी और शेयर का दाम लम्बे समय में कंपनी की ग्रोथ के समान बढ़ता ही रहेगा |
फंडामेंटल निवेशक का पूरा ध्यान कंपनी के भविष्य और ग्रोथ को लेकर रहता है और ये शेयर को कम दामों में लेने में विश्वास रखते है |
टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) -
कोई भी कंपनी क्या करती है, उसका प्रोमोटर कौन है, फंडामेंटल कैसे है, कंपनी भविष्य में कैसे परफोर्म करेगी टेक्नीकल एनालिस्ट को इन सब सवालो से कोई लेना देना नहीं होता , उसका पूरा ध्यान चार्ट एनालिसिस , प्राइस और वॉल्यूम पर ही रहता है | अपने एनालिसिस को और पुख़्ता करने के लिए अलग-अलग इंडिकेटर का प्रयोग करता है जैसे rsi, macd, volume profile और भी सैकड़ो इंडिकेटर होते है |
टेक्निकल एनालिस्ट कम समय के लिए ही किसी कंपनी में पैसे लगाते है और छोटा प्रॉफिट लेकर निकल जाते है |
टेक्निकल एनालिसिस कैसे काम करता है ?
इनका मानना है कि चार्ट अपने आप को दोहराते है, इनके हिसाब से कंपनी का दाम एक तय तरीके और पैटर्न से ही बढ़ता और घटता है , टेक्निकल एनालिस्ट ऐसे ही चार्ट को देखते हुए अलग अलग पैटर्न को नोट करते रहते है और इन्ही के आधार में buy-sell करते हैं और पैसे बनाते है |
सारांश -
फंडामेंटल निवेशक
1 ) ये buy/sell का निश्चय कंपनी की वित्तीय स्तिथि (Financial statement ) देख कर लेते हैं |
2 ) ये लॉन्ग टर्म निवेशक होते है
3 ) समान्यता: फंडामेंटल देख कर पैसा लगाने वाले INVESTOR माने जाते हैं | क्युकि ये लम्बे समय के लिए निवेश करते हैं |
4 ) इनके अनुसार कंपनी की वित्तीय हालत अच्छी है तो शेयर प्राइस लम्बे समय में बढ़ता ही है |
5 ) लम्बे निवेशक होने के नाते ये अच्छा पैसा बनाते है और डिविडेंड का भी भरपूर फायदा ले पाते हैं |
6 ) फंडामेंटल सीखना एक लम्बी प्रकिया है, जो कि आसान बिलकुल भी नहीं है |
टेक्निकल निवेशक
1 ) ये buy/sell का निश्चय कंपनी के Chart देख कर करते हैं |
2 ) ये शार्ट टर्म निवेशक होते है
3 ) चार्ट एनालिस्ट अपने छोटे और बड़े दोनों ही अवधि का फैसला चार्ट से ही करते है, इसलिए ये Trader और investor दोनों हो सकते है |
4 ) ये Big Money को फॉलो करते है, इनका मानना है कि Big Money जब भी इन्वेस्ट करता है तो chart में खास pattern बनता है , उसी के अनुसार ये भी buy/sell करते है | (बिग मनी = बड़ा निवेशक )
5 ) ये डिविडेंड का आनंद कम ही ले पाते है |
6 ) चार्ट एनालिसिस सीखना आसान प्रकिया है, थोड़े से अभ्यास के बाद आप भी इनको सीख सकते है |
अब निवेश करने के दोनों तरीके आपके सामने है, दोनों में से जो भी आपको आसान और सही लगे और जो तरीका आपको पैसे बनाने में सहायता करे आप उस तरीके को अपना सकते है |
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Disclaimer- Above views are personal not trading advice. please consult with your financial advisor before Trading/Investing into them.
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