राकेश जी ने अपना सफर महज़ 5 हजार से शुरू किया था और आज उनका नेटवर्थ 40 हजार करोड़ से भी बड़ा है। एक आम आदमी अपने किन विचारो के सहारे यहां तक आया आज उसकी चर्चा करेंगे।
राकेश झुनझुनवाला, यदि आप शेयर बाजार में जरा भी दिलचस्पी लेते हैं तो आपके जरूर से ही ये नाम सुना होगा।क्रिकेटर्स में जिस तरह सचिन, फुटबॉलर में रोनाल्डो और पॉलिटिशियन में मोदी जी प्रसिद्ध हैं ठीक उसी प्रकार भारत शेयर बाजार में राकेश जी का नाम लिया जाता है।
दोस्तो आज ही के दिन राकेश जी संबंधित एक दुखद समाचार मुझे प्राप्त हुआ हैं कि राकेश झुनझुनवाला जी आज से हमारे बीच नहीं रहे, 62 वर्ष की आयु में उनका निधन हो चुका है। दोस्तो कुछ दिन पहले राकेश जी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट आकाश एयरलाइंस की पहली फ्लाइट शुरू करो थी।
खुद पर विश्वास रखो -
राकेश जी का कहना था हमेशा आपको अपने ऊपर विश्वास रहना चाहिए, अपने मन की सुनो और अपने मन की करो आपका मन ही आपको सही रास्ता दिखाता है ।
बिजनेस और मानवता को अलग अलग दृष्टिकोण से देखे -
व्यापारियों को हमेशा मानव स्वभाव से परे होकर सोचना चाहिए, इस कारण भी राकेश जी निवेश के दौरान बिजनेस को देखते थे कि बिजनेस किस तरह की ग्रोथ दिखा सकते हैं, ना कि कंपनी जनहित के काम कर रही है या नही। कंपनी के प्रोडक्ट से समाज में पढ़ने वाले प्रभाव इन सब को निवेश के वक़्त अनदेखा किया करते थे।
अवसरवादी बने -
सफल निवेशक को हमेशा ही आशावादी और अवसरवादी होना चाहिए। राकेश जी ने अपनी सबसे बड़ी पूंजी अच्छे बजट की आशा में ही बनायीं थी। उनका हमेशा से ही यह कहना था कि - " Mother of all the Bull Market is about to come in India. "
भाव भगवान छे -
बाजार सर्वोपरि है, कोई भी व्यक्ति बाजार से आगे कभी भी नही हो सकता। जैसा बाजार आपको भाव दिखाए आपको उसका ही अनुसरण करना चाहिए। आप कभी भी बाजार को अपने अनुरूप नहीं ढाल सकते। बाजार के अनुसार ही आपको अपने फैसले लेने पड़ते हैं।
बाज़ार पत्नी की तरह होता है -
राकेश जी बाजार को पत्नी की तुलना भी दिया करते थे। जिस तरह से पत्नी कई बार गलत होने के बाद भी हर बार सही होती हैं ठीक बाजार भी कितना भी गलत क्यू ना हो आपको उसको ही सही मानना पड़ेगा। हंसी में राकेश जी कहते थे कि पत्नी से तो आप एक बार बहस भी कर सकते हो, लेकिन बाजार से आप बहस भी नही कर सकते। जिस दिन आपने बाजार से बहस करी उस दिन आपका बाजार में आखिरी दिन होगा।
Penny Stocks के बारे में -
ऐसे स्टॉक्स में कभी निवेश ना करे जिसका फल आपके बच्चो को मिले, आशय यह है कि ऐसे स्टॉक्स से बचे जिनका असर आने में काफी बड़ा समय लगने वाला हो। सदैव समय अनुरूप ही कंपनी चुने। आपको हमेशा ये पता होना चाहिए कि गलत होने में आपको कब और कितना नुकसान आपको उठाना पड़ सकता है।
गिरगिट की तरह बने -
बाज़ार में आपको गिरगिट की तरह व्यवहार रखना चाहिए, जिस तरह से गिरगिट मुसीबत के वक्त रंग बदल लेता है उसी प्रकार आपको भी समय अनुरूप अपनी स्ट्रेटजी में बदलाव करते रहना चाहिए। और गलत होने में तुरंत ही गलती मान उचित सुधार किए जाने चाहिए।
बड़े ट्रेडर की कॉपी ना करे -
झुनझुनवाला जी का कहना था कि आप मेरे एंट्री के साथ एंट्री तो के लेंगे लेकिन में जब स्टॉक से निकलूंगा तो आपको बता के थोड़ी निकलूंगा । इसलिए अपनी एनालिसिस के अनुरूप ही निवेश करे।
Never Listen To Economic एक्सपर्ट्स -
राकेश जी का कहना था यदि मैं इकोनॉमिक एक्सपर्ट का सुनता तो कभी भी राकेश झुनझुनवाला ना बनता।मैंने कभी भी इनकी नही सुनी। और वो लोगो को भी सलाह देते हैं की इकोनॉमिक एक्सपर्ट की ना सुने। अपने विवेक अनुसार ही बाजार में फैसले ले।
उनका तर्क था कि इकोनॉमिक एक्सपर्ट किताबी ज्ञान के हिसाब से आने वाली परिस्थितियों के बारे में गणना करते हैं लेकिन वास्तव में किताब और रियल जीवन में फर्क होता है।
देश के प्रति सकारात्मक रहे -
राकेश झुनझुनवाला जी हमेशा ही देश को लेकर आशावादी ही रहे हैं उनका हमेशा से कहना था, " आप मुझे मुर्ख कह सकते हो,पागल कह सकते हो, मैं हो सकता है ये देखने जीवित ना रहो लेकिन अगले ये बात मैं विश्वास से कह सकता हु कि भारत अगले 25 वर्षो में चीन से आगे निकल जाएगा |"
0 टिप्पणियाँ