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PreMarket और PostMarket क्या होता है_इससे फायदा कैसे कमाए ?

नमस्कार दोस्तों, ज्यादातर लोग शेयर मार्किट के खुलने और बंद होने का टाइम सुबह 9:15 से 3:30 शाम तक का ही जानते होंगे पर दोस्तों ऐसा नहीं है, शेयर मार्किट के खुलने और बंद होने का वास्तविक समय सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक का होता है | तो सुबह इस के अतिरिक्त 15 मिनिट और अंत के 15 मिनिट में ऐसा क्या होता है जो आप नहीं जानते और क्या आप इसका कोई उपयोग ले सकते हैं, आईये आपके सारे सवालों का जवाब तलासते हैं |

PreMarket और PostMarket क्या होता है

MARKET TIMEING -

Market Timing
ऊपर की इमेज से आपको साफ़-साफ़ समझ आ ही गया होगा कि शुरुवात के 15 मिनट Pre-Market के लिए रहते हैं और अंत के 15 मिनिट Post-Market के लिए | इसका कैसे इस्तेमाल होता है ये हम आगे इसी पोस्ट में जान जाएंगे | आईये अब एक-एक करके इनको समझे |

PRE-MARKET -

PreMarket की टाइमिंग 15 मिनिट की होती है, इसके शुरुवाती 7 मिनिट में (9 to 9:07 AM) आप किसी भी तरह का Buy/Sell Order डाल सकते हैं, यदि आपने कोई गलत Order डाल दिया है तो उनको Modify भी कर सकते हैं | अपनी होल्डिंग को बेचने का आर्डर भी डाल सकते हैं और आप चाहे तो नयी short position भी बना सकते हैं |

सातवे मिनिट (9:07 AM) के बाद से अब आप कोई भी आर्डर डाल नहीं सकते और ना ही अपने Existing Order को चेंज कर सकते हैं |


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सातवे और आठवे मिनिट के बीच में (9:07AM-9:08AM) एक्सचैंजेस सारे मार्किट आर्डर को एक्सेक्यूट कर देती है और बाकी के लिमिट ऑर्डर्स को आने वाली supply और demand के अनुरूप आर्डर मैचिंग की प्रकिया चालू की जाती हैं, सुबह 9 से 9:15 के बीच आये orders में जिस भी रेट पर सबसे अधिक Buyer और Seller होते हैं उनको मार्किट का ओपनिंग प्राइस माना जाता है जो हमको 9:15 को देखने मिलता है |


Premarket Timing

PRE-Market संक्षिप्त में -

  • इंट्राडे (MIS) और डिलीवरी (CNC) दोनों ही आर्डर डाले जा सकते है |
  • आपको तेजी और मंदी, दोनों तरह की पोजीशन बनाने की छूट रहती है |
  • आप अपनी Holding (Delivery position ) भी बेच सकते है | (Lower Circuit वाले स्टॉक्स से निकलने का सबसे लाभकारी तरीका )
  • लिमिट और मार्किट आर्डर दोनों स्वीकारे जाते हैं |
  • PRE-Market Session सिर्फ Cash Segment के लिए होता है आप इस वक़्त Future & Options की Position नहीं बना सकते | इसी कारण ही आपने PRE-Market Session के दौरान Cash सेगमेंट के शेयर में बदलाव होते देखे होंगे जबकि future & Options में कोई बदलाव नहीं होता है |

POST-MARKET -

जहां एक तरफ PRE-Market 15 मिनिट के लिए होता है, यहाँ दूसरी तरफ दिन भर के सामान्य बाजार के ख़त्म होने के बाद POST-Market Session 30 मिनिट के लिए चालू रहता है | यहाँ शुरुवात के 10 मिनिट एक्सचेंज Closing Price Calculation में और बाकी की गतिविधि देखने के लिए स्वं के लिए रखते हैं, मतलब अब 3:40 मिनिट हो चुके हैं इसके बाद से अब आप चाहे तो फिर से अगले 20 मिनिट के लिए ट्रेडिंग कर सकते हैं | इन 20  सिर्फ मार्किट आर्डर ही डाल सकते हैं और नयी पोजीशन बना और कोई होल्डिंग या इंटरडे में खरीदी पोजीशन को वापस मार्किट रेट में बेच भी सकते हैं | ज्यादातर लोगो को एक्सचेंज के इन मार्किट hour की जानकारी नहीं रहती है | पर आप क्युकि समझदार निवेशक हैं और आप अपने पसंदीदा ब्लॉग Chartanalystji को फॉलो कर रहे हैं इसलिए आप औरो की तुलना में ज्यादा समझदार और जागरूक भी हैं |

Post Market Timing

POST-Market संक्षिप्त में -

  • आप इस वक़्त में सिर्फ CNC ( डिलीवरी ) ऑर्डर्स डाल सकते हैं |
  • आप intrday Orders ( MIS ) नहीं डाल सकते |
  • Post-Market Session सिर्फ Cash Segment के लिए बस होता है आप इस वक़्त Future & Options की Position नहीं बना सकते |
  • इस दौरान volume बहुत ही कम होने के कारण मार्किट Depth बहुत अच्छा नहीं होता है इस बात का खास ख्याल रखे उसके बाद ही आर्डर प्लेस करे |

क्या जरूरत थी PRE और POST Market की ? -

PRE और POST-Market की शुरुवात NSE ने 2010 से करी थी | पहले के दौर में मार्किट बंद होने के बाद किसी स्टॉक में या ग्लोबल मार्किट में कोई बड़ी NEWS आती थी तो सुबह होते ही उस न्यूज़ से प्रभावित होने वाले सारे स्टॉक्स में बहुत ही ज्यादा वॉल्यूम आ जाता था और जिसके कारण प्राइस अचानक से कई प्रतिशत तक ऊपर अथवा नीचे हो जाया करता था | जिसके कारण मार्किट में Panic मच जाता था और लोग घबराहट में और भी गलत फैसले ले कर अपना नुकसान करा लेते थे |

इसका एक और भी गलत इस्तेमाल किया जाने लगा था मार्किट में अच्छी पकड़ रखने वाले बड़े रसूख़दार लोग बड़े मीडिया एजेंसी से मिल कर जानबूझ कर गलत जानकारी प्रकाशित करवा कर किसी भी स्टॉक को कम रेट पर ले लिया करते थे और अगले दिन अच्छी खबर चला कर बड़े हुए दामों में बेच दिया करते थे |

एक्सचैंजेस ने इस बात को संज्ञान में लिया और 2010 से PRE और POST-Market की शुरुवात की | यहाँ आपका जानना बेहद जरुरी हैं के भारतीय एक्सचेंज और SEBI दुनियाँ के समस्त बाजारो से अच्छे नियम भारतीय बाजारों में ले कर आती हैं जिससे हमारे शेयर बाजार की नींव और भी मज़बूत बनती जा रही है |


PRE और POST Market Session का फायदा कैसे ले ? -

जैसा की अभी हमने जाना के इस Session की शुरुवात मार्किट Hour के बाद आने वाली न्यूज़ के असर को कम करने के लिए की गयी थी | जिससे की निवेशक अगले दिन होने वाले नुकसान को कम कर सके | इसका उपयोग आप कुछ इस प्रकार से कर सकते हैं - 

यदि किसी कंपनी का रिजल्ट, बाजार से जुड़ी गंभीर न्यूज़, SEBI का कोई बड़ा फैसला ऐसा कुछ भी आये जो आपने निवेश को प्रभावित कर सकता है तो आप PRE और POST मार्किट में अपनी इच्छानुसार उस शेयर को मार्किट रेट में बेच या खरीद सकते हैं और शेयर बाजार के बड़े उतार चढ़ाव से बच सकते हैं | 

क्युकि यह सामान्य सी जानकारी बहुत से आम निवेशकों को नहीं रहती जिस कारण ऐसे वक़्त में वो फंस जाते हैं कृपया कर आप उन तक भी इस जानकारी को पहुचाये और उनके नुकसान को होने से बचाये और उनका ज्ञान भी बढाए |

 
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Disclaimer- Above views are personal not trading advice. please consult with your financial advisor before Trading/Investing into them.

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