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USA Recession के बाद भी क्यों ऊपर जा रहा है भारतीय बाज़ार ?

Indian market is Rising


आज हम आप सबके मन में आ रहे एक सवाल का जवाब देने वाले हैं कि USA में टेक्निकली Recession यानी मंदी आ जाने के बाद भी हमारे भारतीय बाजार ऊपर क्यों जा रहे हैं, जबकि FED इंटरेस्ट रेट बढ़ाते भी जा रहा है और FED ने अभी 0.75% से इंटरेस्ट रेट भी बढाए हैं। 

ऊपर बताई दोनों ही न्यूज़ बाजार को लेकर के काफी गंभीर हैं और नेगटिव भी हैं। लेकिन इन सब के बाद भी हमारे बाजार पिछले डेढ़ महीने में 13% तक ऊपर जा चुके हैं।  तो क्या बाजार साड़ी नेगेटिव न्यूज़ डिस्काउंट कर चूका हैं ?  या बज़ार किसी बड़े फॉल के लिए तैयार हो रहा ? या बाजार की थ्योरी और प्रैक्टिकल अलग अलग चलती है। दोस्तों इन सब सवालों का जवाब आपको आज की पोस्ट में मिल जाएगा।


इंटरेस्ट रेट बढ़ने से बाजार क्यों डरते हैं ?

इंटरेस्ट रेट बढ़ने से देश का सेंट्रल बैंक चाहता हैं के लोगो के हांथो में कम पैसा हो, और वो कम खर्चे करे जिससे की महगाई में काबू पाया जा सके। यानी मुख्यता सेंट्रल बैंक्स महगाई को नियंत्रित रखने के लिए ही रेट्स के साथ छेड़छाड़ करतीं हैं। रेट्स बढ़ने के नकारात्मक प्रभाव से बिज़नेस की ग्रोथ धीमी हो सकती है क्युकी जब लोगो के पास कम पैसा होगा तो वो सिर्फ जरूरत की ही चीजों में पैसा खर्चा करेंगे। 

और जब उसे जैसे किसी बड़े देश की इकॉनमी रेट्स बढ़ाने का फैसला लेती हैं तो ये और भी दुखदायी हो सकता हैं क्युकि इसका ग्लोबली असर देखने को मिलता है। ऐसे में विकासशील देशो से पैसा निकल कर के USA जैसे सुपर पावर देशो में जाता हैं। FIIs बिकवाली करने लगते हैं क्युकि उनको USA में रिटर्न्स Safe और आकर्षक लगने लगते है। जो की विकासशील देशो के लिए बेहद ही नेगेटिव होता है इसलिए ऐसे देशो के बाजार गिरने लगते हैं।



USA Recession का असर ?

USA जैसी इकॉनमी रिसेशन में चली जाती हैं या स्लो हो जाती हैं तो इसका भी बुरा असर सारे ही दुनिया के बाजारों में देखने को मिलता है। क्युकि आज के मोहोल में सारे ही देश एक दूसरे से Inter-connected होते हैं। एक देश की आर्थिक मंदी का असर सारे ही देशो को प्रभावित कर सकता है।

USA सबसे ज्यादा इम्पोर्ट करने वाली Economy में से एक है और भारत का बहुत सा पैसा USA इम्पोर्ट से भी आता है अब ऐसे में USA मंदी में आ जाए तो उसका सीधा प्रभाव भारत में आना बनता है लेकिन उसके बाद भी हमारे बाजार ऊपर जा रहे हैं आपने सोचा है ऐसा क्यों हो रहा है ?


भारतीय बाजार ऊपर क्यों जा रहे ?

चलिए अब आते हैं मुख्य सवाल में इतने नेगटिवेस के बाद भी हमारे बाजार ऊपर कैसे और क्यों जा रहे। दोस्तों ऐसा माना जाता है, बाजार समय से आगे चलता है और आने वाली सारी ही खबरों को पहले से ही analyse करके उसके अनुसार मूव करता है।

Inflation का बढ़ना बाजार ने पहले से ही तय कर लिया था जिस प्रकार से लगातार विश्वस्तरीय बड़ी घटनाये हो रही थी जैसे रूस और ukkrain सीमा विवाद (युद्ध), क्रूड आयल के दामों का $100 के स्तर के ऊपर रहना और कोविद के कारण बिज़नेस ग्रोथ का बिगड़ना, जरूरत से ज्यादा पैसो का प्रिंट करना और इंटरेस्ट रेट्स का बढ़ना। ये सब को देख कर बाजार ने पहले ही Recession की कल्पना कर ली थी इसलिए बाजार दो महीने पहले से ही गिरते ही चले आ रहे थे।

अब जो बाजार ऊपर जा रहे हैं ये भी इसलिए हैं के बाजार ने ये मान लिया हैं कि अब जितना बुरा हो सकता था हो चूका हैं आगे आने वाला वक़्त में सारी आर्थिक स्थितियाँ इस से बेहतर ही होंगी। और बाजार और बिज़नेस में वापस से एक बार ग्रोथ आएगी।

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इसलिए आपको बाजार ऊपर जाते दिख रहे हैं। और यदि आप फीस की एक्टिविटी पर नजर रखते हैं तो आपने देखा होगा कि Fiis ने पिछले 9 महीनो कि बाद दुबारा से भारतीय बाजार में खरीददारी शुरू कर दी हैं। और जुलाई महीने में उन ने नेट 6295 करोड़ की खरीददारी की।


Disclaimer- Above views are personal not trading advice. please consult with your financial advisor before Trading/Investing into them.

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